महाजनपद का उदय कैसे हुआ विकिपीडिया

 महाजनपद का उदय 


उत्तर वैदिक काल में सामाजिक जीवन इस प्रकार था कि परिवार से मिलकर ग्राम बनता था . फिर कई ग्रामों को मिलाकर विश तथा विश से मिलकर जन (कबीले) तथा जन से मिलकर जनपद और कई जनपदों से मिलकर" महाजनपद" बनता था ।



सभी महाजनपद मिलकर भारत का रूप लेते थे . परन्तु सभी की सत्ता स्वतंत्र थी इसमें जो चक्रवर्ती सम्राट होता था उसी का संपूर्ण भारत पर अधिकार होता था संपूर्ण भारत पर 16 राजाओं के शासन करने का उल्लेख महाभारत से मिलता है ।



महाभारत काल के समय जनपद -


दार्द, हूण हुंजा, अम्बिस्ट आम्ब, पख्तू, कम्बोज, गान्धार, कैकय, वाल्हीक बलख, अभिसार (राजौरी), कश्मीर, मद्र, यदु, तृसु, खांडव, सौवीर सौराष्ट्र, शल्य, कुरु, पांचाल, कोसल, शूरसेन, किरात, निषाद, मत्स, चेदि, उशीनर, वत्स, कौशाम्बी, विदेही, अंग, प्राग्ज्योतिष (असम), घंग, मालवा, अश्मक, कलिंग, कर्णाटक, द्रविड़, चोल, शिवि शिवस्थान-सीस्टान-सारा बलूच क्षेत्र, सिंध का निचला क्षेत्र दंडक महाराष्ट्र सुरभिपट्टन मैसूर, आंध्र तथा सिंहल सहित लगभग 200 जनपद महाभारत में वर्णित हैं। इनमें से प्रमुख 30 ने महाभारत के युद्ध में भाग लिया था। इनमें से आभीर अहीर, तंवर, कंबोज, यवन, शिना, काक, पणि, चुलूक चालुक्य, सरोस्ट सरोटे, कक्कड़, खोखर, चिन्धा चिन्धड़, समेरा, कोकन, जांगल, शक, पुण्ड्र, ओड्र, मालव, क्षुद्रक, योधेय जोहिया, निषाद, शूर, तक्षक व लोहड़ आदि आर्य धर्म का पालन करने वाले लोगों ने भाग लिया था।



बुद्ध के जन्म से पहले छठी शताब्दी तक भारत 16 महाजनपद में बंट चुका था इन 16 महाजनपद का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ आगुंतर निकाय से तथा जैन ग्रंथ भगवती सूत्र से मिलता है । 16 महाजनपद इस प्रकार है .



1.  मगध - मगध का विस्तार वर्तमान के पटना से गया ( बिहार) के बीच का क्षेत्र है. मगध के राजधानी गीरिव्रज या राजगृह थी यह सबसे शक्तिशाली महाजनपद था ।



2. अंग - अंग महाजनपद की राजधानी चंपा थी . इसकी वर्तमान स्थिति बिहार के भागलपुर क्षेत्र में है .अंग के वास्तुकार महगोविंद थे अंग के शासक ब्रह्मदत्त थे जिसे पराजित कर बिम्बिसार ने अंग को जीता था ।


3. वज्जी - वाज्जी की राजधानी वैशाली थी यह क्षेत्र वर्तमान में उत्तर बिहार के तिरहुत मण्डल क्षेत्र ( मिथिला क्षेत्र) में स्थित है. यह पहला महाजनपद था जो गणतंत्र था ।


वज्जि में 8 समूह थे - वैशाली के लिच्छिवी ,कुंडग्राम के श्रतक,मथिला के विदेह,रामग्राम के कोलीय, उग्र, भोग, मोरव्य, इक्ष्वाकु


अजात शत्रु ने बुद्ध के वैशाली में उपस्तिथि के समय में ही आक्रमण किया था . और आजात शत्रु ने सुनिध तथा बर्षकार की सहायता से 8 समूहों में फुट डलवाकर वाज्जि संघ को जीत लिया था ।


4. काशी - काशी की राजधानी वाराणसी थी यह सुती वस्त्र व घोड़ों के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था कौशल महाजनपद ने इसे जीत लिया था ।


5. कौशल - कौशल दो क्षेत्र में बांटा गया था उत्तर कौशल तथा दक्षिण कौशल 

उत्तर कौशल की राजधानी - श्रावस्ती 

दक्षिण कौशल की राजधानी - साकेत 

इसकी वर्तमान स्तिथि फैजाबाद में है . यहां के प्रसिद्ध शासक प्रसेनजीत थे . जो कि बुद्ध के समकालीन थे प्रसेनजीत ने अपनी बहन का विवाह बिम्बिसार से कराया था तथा काशी दहेज में दिया था । प्रसेनजीत ने अपनी पुत्री वाजिरा का विवाह अजातशत्रु से कराया था ।



6. मल्ल - मल्ल की राजधानी कुशीनगर थी ( जहां बुद्ध को महापरिनिर्वाण हुआ था ) यह वर्तमान में यूपी के देवरिया area में पड़ता है यह महाजनपद गणतंत्र था ।



7. वत्स - वत्स की राजधानी कौशाम्बी थी वर्तमान में यह प्रयाग area अर्थात् इलाहबाद का area है . कुरूवंश बल शासक निचक्षु ने यह कौशाम्बी को राजधानी बनाया तथा बाद में आगे चलकर यहां पौरवंश का शासन रहा ।


8. कुरू - कुरू क्षेत्र की राजधानी इंद्रप्रस्थ थी यह वर्तमान में दिल्ली क्षेत्र कहलाता है यहां के शासक udyan थे अर्थशास्त्र तथा पुराणों में इसे raajshbdopajivih कहा गया है ।



9. पांचाल - यह दो क्षेत्र में बांटा गया था उत्तरी पांचाल की राजधानी अहिछत्र  तथा दक्षिण पांचाल की राजधानी कांपिल्य थी पांचाल बको कौशल ने जीत लिया था ।



10. शूरसेन - शूरसेन की राजधानी मथुरा थी . 



11. चेदी - इसकी राजधानी शुक्तिमती थी यह वर्तमान में  बुंदेलखंड का क्षेत्र है यहां का शासक कृष्ण bka फुफेरा भाई शिशुपाल था ।



12. अवंती - उतरी अवंती की राजधानी उज्जैन तथा दक्षिण अवंती की राजधानी महिष्मति थी यहां का शासक चंडप्रघोत्त था जो कि बुद्ध, बिम्बिसार , प्रसेनजीत का समकालीन था बिम्बिसार ने अपने राजवैध जीवक को चिकित्सा के लिए चंडप्रघोत्त के दरबार में भेजा था ।




13. मतस्य - विराटनगर इसकी राजधानी हुआ करती थी वर्तमान में यह क्षेत्र  राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है यह क्षेत्र अवंती ने जीता था ।


14. असमक -असमक की राजधानी पोटन या पोटली थी वर्तमान में यह आंध्र प्रदेश (दक्षिण भारत ) में है यहां का शासक अरुण था असमक को अवंती ने जीत लिया था ।


15. कंबोज - कंबोज की राजधानी जयपुर या हाटक थी काबिज की वर्तमन स्तिथि भारत के बाहर जम्मू कश्मीर के पास पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के क्षेत्र में है यहां के शासक सुदक्षिन तथा चंद्रवर्धन थे ईरानी शासकों ( डेलिस-ist /दराबहु ) ने यह क्षेत्र जीत लिया था ।



16. गांधार - गांधार की राजधानी तक्षिला थी यह वर्तमान में भारत से बाहर जम्मू कश्मीर से सटा पाकिस्तान क्षेत्र में पड़ता है पुष्कसिरीन ( बिम्बिसार का समकालीन , मगध दरबार में दूतमंडल भेजा था )   यहां का शासक था ।



 16 महजनपद की वर्तमान स्थिति - 


बिहार में महाजनपद - मगध , अंग , वज्जी


U.p में महाजनपद   - काशी , कौशल ,मल्ल , वत्स ,कुरू , पांचाल , शूरसेन , चेदी 


मध्य प्रदेश - अवंती 


राजस्थान - मतस्य


दक्षिण भारत - असमक


भारत से बाहर - कंबोज ओर गांधार 



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